आरज़ू
बहुत दिनों से वक़्त के अभाव के कारन मैं अपने विचारों को पंक्तियों में नहीं गढ़ पायी।निम्न कुछ पंक्तियाँ दिल की आरज़ू को बयां कर रही हैं।
उनकी आँखों में डूबकर जीया करते थे
उनके ख़यालों से महका करते थे
उनकी हंसी में ख़ुशी तलाश लिया करते थे
मिलने की आरज़ू को उनकी गली से गुज़ार लाया करते थे
मिलता था वक़्त जब भी हमें
बीतें लम्हों की तस्वीर को रंगों से सजा लिया करते थे
सोचा न था यूँ कभी , आएगा वक़्त ऐसा भी
ज़िन्दगी मुस्कुराकर हो जाएगी दूर इतनी
वरना हम तो उनके नाम से ही बहक लिया करते थे
अगर न वो कहते कभी कि क्या है हमें ज़रूरत उनकी
बयां कर पाते फ़िर शायद मोहब्बत की निहायत अपनी
तन्हा हुआ जब भी दिल, होटों की ख़ुशी अश्कों में बह गई
प्यार हुआ जिससे फ़िर उसकी ख़ुशी ज़िन्दगी बन गई
कई बार की कोशिश हमने उनसे दूर जाने की
पर थे उस पल वो सामने लेकर कश्मकश का साया
एक बार फ़िर हुई कसक उनसे फांस्लें मिटाने की
दिल पर रखा हाथ जब, थम गया वो पल साँसों को जताने के लिए
मोहब्बत है हमें उनसे शायद बेंताह पर मजबूर थे हम उस वक़्त कितना
बताना तो सब चाहा मगर बाकी रह गए निशां याद आने के लिए
बहुत बढ़िया !
जवाब देंहटाएंएक बार फ़िर हुई कसक उनसे फांस्लें मिटाने की
जवाब देंहटाएंदिल पर रखा हाथ जब, थम गया वो पल साँसों को जताने के लिए
मोहब्बत है हमें उनसे शायद बेंताह पर मजबूर थे हम उस वक़्त कितना
बताना तो सब चाहा मगर बाकी रह गए निशां याद आने के लिए
खूबसूरत रचना, बधाई स्वीकारें!
shukriya
हटाएंbahut khubsurat rachna
जवाब देंहटाएंbadhai......
अब क्या कहूं, ऐसा लग रहा है जैसे दिल चीर के रख दिया हो आपने अपना, कहाँ से लाती हैं आप इतनी खुसूसियत अपनी कलम में? वाकई में दिल की गहराइयों में उतरती रचना से रू-बा-रू कराने के लिए हार्दिक आभार!
जवाब देंहटाएंवाह बहुत खूब
जवाब देंहटाएंnice
जवाब देंहटाएंबहुत दिनों बाद आये!
जवाब देंहटाएंमगर
शायरी बहुत अच्छी लाए!!
आपकी सेहत के लिए शुभकामनाएँ!
उम्दा...नियमित लिखें.
जवाब देंहटाएंBahut badhiya!
जवाब देंहटाएंखूबसूरत भाव...
जवाब देंहटाएंबहुत खूब
एक बार फ़िर हुई कसक उनसे फांस्लें मिटाने की
जवाब देंहटाएंदिल पर रखा हाथ जब, थम गया वो पल साँसों को जताने के लिए ....
:).. bahut pyare se bhaw!!
behatreeen......